पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज ने दिखाई कोंडागांव की मावा कैंटीन को हरी झंडी
ब्यूरो रिपोर्ट राजेश प्रसाद
दिनांक 10.12.2020
मावा एक गोंडी शब्द है जिसका हिंदी में अर्थ होता है "मेरा"। छत्तीसगढ़ राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री डी. एम. अवस्थी द्वारा स्पंदन अभियान के तहत पुलिस के जवानों की आवश्यकताओं उनकी जरूरतों के अतिरिक्त जवानों तनाव मुक्त रखने की दिशा में विभिन्न प्रयास किए जा रहे
हैं।यह एक व्यापक कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर आधारित विभिन्न गतिविधियां जैसे योगा, वॉलीबॉल, फुटबॉल इत्यादि चलाए जा रहे हैं। शारीरिक गतिविधियों के अतिरिक्त स्पंदन अभियान के तहत जवानों की पारिवारिक समस्याएं व्यवसायिक समस्याएं तथा अन्य किसी भी प्रकार
की समस्याओं के भी निराकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। कोंडागांव जिले में भी स्पंदन के अंतर्गत विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं ताकि पुलिस कर्मियों को कामकाज हेतु एक स्वस्थ वातावरण प्रदाय किया जा सके।कोंडागांव एक नक्सल प्रभावित जिला है जिसमें कई पुलिस थाने जैसे मर्दापाल, इरगाँव, धनोरा, बायानार उरनदाबेड़ा जिला मुख्यालय से बहुत दूर हैं। जिला मुख्यालय ने एक सब्सिडी पुलिस कैंटीन की शुरुवात की है।जो जवानों को कम रियायती दरों पर दैनिक उपभोग की आवश्यक वस्तुएं प्रदान करती है। इस सब्सिडी कैंटीन को जवानों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। जिले के पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ तिवारी (I.P.S.) को यह ज्ञात हुआ कि उक्त कैंटीन का लाभ जिला मुख्यालय से दूर पदस्थ पुलिस कर्मियों को नहीं मिल पा रहा है।उनकी इस समस्या को दूर करने के लिए पुलिस अधीक्षक ने "मावा कैंटीन" की शुरुवात की है। जिसके अंतर्गत दूरस्थ थानों एवं कैंप्स में तैनात जवान अपनी जरूरत की वस्तुओं को जिला मुख्यालय में स्थित कैंटीन इंचार्ज को नोट करवाएंगे तथा उक्त सामग्री एक निश्चित तिथि पर उन तक पहुंचा दी जाएगी जिसका भुगतान वस्तु प्राप्ति पश्चात ही उन्हें करना होगा।इस पहल को जवानों से सुखद प्रतिक्रिया मिली है। 10/12/2020 को IGP बस्तर रेंज श्री पी. सुंदराजराज (I.P.S.) ने पुलिस लाइन कोंडागांव में पहली मावा कैंटीन को हरी झंडी दिखाई, जिसमें रु. 1,30,000 की सामग्री निर्धारित पुलिस थानों और कैंप्स में ले जाई जा रही है। यह गतिविधि भविष्य में भी जारी रखी जाएगी।
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