एजेंट ने कंपनी में पैसे दुगुना करने का झांसा देकर कर 3 लाख 13 हजार 500 सौ ले उड़ा
ब्यूरो रिपोर्ट राजेश प्रसाद
एजेंट ने कंपनी में पैसे दुगुना करने का झांसा देकर कर 3 लाख 13 हजार 500 सौ ले उड़ा
पुलिस ने बिना जाँच के ही एजेंट के मौखिक बयान पर की कार्यवाही
केशकाल:- कोंडागांव पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी के निर्देशानुसार जिले के समस्त थाना और चौकी प्रभारी अपनी टीम के साथ गांव-गांव पहुंच कर साइबर क्राइम और ऑनलाइन ठगी को कम करने के लिए लगातार लोगों को जागरूक कर रहे है। लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ लोगों द्वारा कंपनी में पैसे जमा करने और दुगुनी रकम मिलने का झांसा देकर लोगों को ठग रहे हैं। इसी प्रकार का मामला ग्राम अड़ेंगा में सामने आया है जहाँ एक शासकीय कर्मचारी को एक कम्पनी के एजेंट ने पैसे दुगुना करने का झांसा देकर 4 माह में 3 लाख 13 हजार 500 सौ ले उड़ा। तो वही थाना में शिकायत करने पर पुलिस ने धारा 155 जा. फौ. का मामला बता कर न्यायालय के शरण मे जाने कहा ।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केशकाल थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम अड़ेगा निवासी मीनाराम नाग जो कि ग्राम सिंगनपुर हाईस्कूल में चपरासी की नौकरी में पदस्थ हैं। उन्हें कांकेर निवासी ओमेश्वर साहू के द्वारा बार-बार फोन कर पैसा दुगुना करने का झांसा दिया और एक दिन मिलने उनके घर पहुंच कर अपने झांसे में ले लिया। एजेंट उमेंद्र साहू के लुभावनी बातों में आकर मीनाराम नाग ने अपनी बेटी की शादी करने के लिए जमा कर के रखे हुए पैसों को दुगुना पैसा मिलने का सोच रख उसने एजेंट चेक के माध्यम से 10 जून 2019 को 1 लाख 37 हजार 500 रु का पहला चेक दिया। जिस पर एजेंट उमेंद्र साहू ने किसी तरह मीनाराम नाग के अकाउंट में 31 जुलाई 2019 को 1 दिन में तीन बार 5- 5 हजार ट्रांसफर कर दिया जिससे मनीराम नाग को लगा कि सच मे पैसे आने शुरू हो गए हैं तो जन्हें लाभ होगा, जिसके कारण लगातार एजेंट के कहने पर वह रकम ट्रांसफर करने लगे। जिसके बाद ओमेश्वर साहू ने फिर से मीना राम को पैसा जमा करने का तो दूसरा किस्त 15 सितम्बर 2019 को 38 हजार 500 सौ रु. जमा करने कहा । फिर एक माह बाद 28 अक्टूबर 2019 को 1 लाख 37 हजार 5 सौ रु चेक में माध्यम से दिया, जिसके बाद से अब तक उसके खाते में पैसा जमा होना बंद हो गया ।
चेक में नाम छोड़ कर केवल दिनांक और रकम ही भरने को कहता था एजेंट
मीना रामनाग ने बताया कि बार-बार फोन करने के बाद एजेंट ओमेश्वर साहू मेरे पास आया और कहा कि आप विशा कंपनी में पैसा जमा करोगे तो आपका डबल हो जाएगा जिस पर मैंने चेक में अमाउंट और दिनांक डाला और जब चेक में नाम डाल रहा था तो एजेंट ने बोला मैं नाम स्वयं ही डाल दूंगा मैंने भरोसा कर उसे चेक दे दिया। और कुछ दिन कुछ पैसा आने का लालच दिया जिसके बाद धीरे-धीरे पैसा आना बंद हो गया मैंने तीन चेक के माध्यम से 3 लाख 37 हजार 5 सौ रु दिया हु ।
एजेंट ने चेक कम्पनी में जमा न कर के स्वयं राशि का कर लिया गबन
मीना रामनाग ने बताया कि जब मैं एजेंट ओमेश्वर साहू से कंपनी में जमा किए राशि का रसीद मांगा तो उसने नहीं दिया और कहीं गुम जाने की बात कहते हुए टाल दिया गया। जिस पर मैं केशकाल एसबीआई जाकर चेक का जानकारी मागा तो पता चला कि ओमेश्वर साहू ने कंपनी में पैसा जमा ही नही किया है और उसने पहला चेक का राशि 1 लाख 37 हजार 500 रु केशकाल बैंक से केश निकाल लिया है। दूसरा 38 हजार रु की राशि को किसी अन्य के खाते में ट्रांसफर किया और तीसरा चेक 1 लाख 37 हजार 500 रु तीज बाई साहू के नाम मे ट्रांसफर कर दिया। मेरे द्वारा जब एजेंट को पैसा वापस करने कहा जा रहा है तो उसका कहना है कि मैंने कंपनी में जमा कर दिया है औऱ कम्पनी बन्द हो गई है।
जांच किये बिना ही प्रार्थी को पुलिस ने भेज दिया न्यायालय के शरण उठ रहे हैं सवाल
उक्त मामले को लेकर प्रार्थी मीनाराम नाग के द्वारा केशकाल थाने में शिकायत करने पर पुलिस द्वारा मामले की जांच किये बिना ही एजेंट ओमेश्वर साहू के मौखिक बयान पर ही पुलिस ने पक्ष रखा और धारा 155 के तहत प्रार्थी को न्यायालय के शरण मे जाने कहा गया । जिसके चलते पुलिस पर कई प्रकार की सवालिया उठ रहा है कि जब प्रार्थी के द्वारा शिकायत किया गया तो पुलिस ने तुरंत जांच क्यो नही किया..? जांच किए बिना ही एजेंट के बयान पर प्रार्थी को न्यायालय क्यो भेजा गया । प्रार्थी के द्वारा बार बार कहा गया कि उन्हें किसी भी प्रकार का रसीद नही दिया गया और उस कंपनी में चेक की राशि को जमा ही नही किया गया है । फिर भी पुलिस ने प्रकरण में जिस गति से धारा 155 जा.फौ. का मामला बताया और अपने काम का इतिश्री कर दिया । एक पीड़ित के साथ न्यायोचित प्रतित नहीं हो रहा है। ऐसे ही कार्यों से पुलिस के प्रति लोगों में भरोसा कम हो जाता है।
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