वन पी.एफ.या आर.एफ. हो अवैधानिक कार्याें की जानकारी मिलने पर वन अधिनियम की तहत कार्यवाही होगी-बी.एस. ठाकुर डीएफओ
Bhairu report Rajesh Prasad
वन पी.एफ.या आर.एफ. हो अवैधानिक कार्याें की जानकारी मिलने पर वन अधिनियम की तहत कार्यवाही होगी-बी.एस. ठाकुर डीएफओ
केशकाल। वन मंडल केशकाल के नवीन डीएफओ श्री बी.एस. ठाकुर से दिनांक 21 जनवरी 2021 को पत्रकार के.शशिधरन ने इनके वनमंडल कार्यालय केशकाल में वन विभाग में अवैधानिक रूप से हो रही अतिक्रमण व अवैध कटाई व अन्य मामले पर श्री बीएस ठाकुर डीएफओ केशकाल से निम्न सवाल किया था जिसमें प्रमुख रूप से वन मंडल केशकाल अंतर्गत
उपवन परिक्षेत्र कोहकामेटा के वन खण्ड सिदावण्ड के आरएफ कक्ष क्रं. 2812 पर जो जडी बूटी औषधी पादक के नाम से आरक्षित क्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा जेसीबी से अतिक्रमण करने पर जेसीबी को पीओआर क्रं. 327/24 के तहत जप्ती कार्यवाही पर जवाब देते बताया कि वन अधिनियम अंतर्गत जेसीबी जप्ती करते हुये उस पर रासात कार्यवाही एवं अतिक्रमण करने वाले व्यक्ति के उपर भी जांच कार्यवाही जारी बताया। श्री बीएस ठाकुर वनमंडलाधिकारी केशकाल ने पत्रकार को आगे जानकारी में बताया
कि दूसरा प्रकरण इसी वनमंडल अंतर्गत वन परिक्षेत्र विश्रामपुरी के उपवनपरिक्षेत्र कोरगांव के ग्राम साल्हेभाट व कोलियाबेडा के बीच के पी.एफ. क्रं. 2861 में हुई अवैध झाड कटाई पर वनमंडलाधिकारी केशकाल ने बताया कि दोनो गांव के ग्रामीणों के बीच जंगल सीमा को लेकर वाद विवाद होने पर झाडों की अवैध कटाई हुई थी, जिसका जानकारी मिलने पर घटना स्थल में उपवनमंडलाधिकारी सुश्री मोना माहेश्वरी अपने स्टाॅफ के साथ घटना स्थल पहॅुचकर कटाई हुई कुछ लोगों के ऊपर कार्यवाही करते हुये कटा हुआ लकडियों को जप्ती करते हुये बीट गार्ड को तत्काल निलंबित कर घटना की जांच विवेचना जारी बताया है। श्री बी.एस. ठाकुर ने आगे जानकारी देते बताया कि विवादित दोनो गांव के ग्रामीणों के साथ भविष्य में जल्दी बैठक व चर्चा कर आपसी बढते रंजिश को सुलझाने पर विचार किया जा रहा है, श्री बी.एस. ठाकुर डी.एफ.ओ. वनमंडल केशकाल ने जानकराी दी कि वन विभाग रिजर्व फारेस्ट हो अथवा पी.एफ. व आरेंज क्षेत्र हो वन अंतर कोई भी अवैधानिक रूप से हो रही कार्याें की जानकारी मिलने पर तत्काल मामले की जांच कर उन पर वन अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही करेंगें। नवीन डीएफओ ने वन विकास व वन संवर्धन मुद्दे पर नगर क्षेत्र के ग्रामीण जनप्रतिनिधि व मीडिया कर्मियों से सहयोग की अपेक्षा की हैं ताकी वनों पर हो रही अवैधानिक कार्याें पर तत्काल रोक लगाया जा सके एवं ताकि वन सुरक्षित रह सकें।
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