पुरुष अपने अधिकारों के साथ परिवार के प्रति नैतिक कर्तव्यों का भी पालन करें

 ब्यूरो रिपोर्ट राजेश प्रसाद

पुरुष अपने अधिकारों के साथ परिवार के प्रति नैतिक कर्तव्यों का भी पालन करें


आगामी सुनवाई में आयोग के समक्ष स्वयं उपस्थित होकर डीईओ और बीइओ देंगे जवाब


पत्नि और बच्चों को प्रतिमाह 24 हज़ार रुपए भरण-पोषण देने पति हुआ सहमत

जगदलपुर /रायपुर 20 जनवरी 2021/घर और परिवार को सुव्यवस्थित चलाने की सम्मिलित जवाबदारी पति और पत्नी की होती है।पुरुष यदि महिला पर अपना अधिकार समझता है,तो वे यह भी समझ ले कि उसका पत्नि और बच्चों के प्रति नैतिक कर्तव्य भी है।एक प्रकरण में आयोग के अध्यक्ष डॉ किरणमयी ने विद्युत विभाग में कार्यरत पति को अपनी पत्नी और बच्चों के भरण पोषण की राशि नही देने पर विभाग प्रमुख को प्रतिवेदन देने के लिए निर्देशित किया।एक अन्य प्रकरण में धरसीवां विकाशखण्ड के स्कूल में पदस्थ प्रधानपठिका ने अपने अधीनस्थ कार्यरत शिक्षक पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने संबंधी आवेदन प्रस्तुत किया था।पूर्व में शिक्षक को जिला शिक्षा अधिकारी और विकाशखण्ड शिक्षा अधिकारी को प्रधानपठिका द्वारा दिये गए आवेदन पर की गई कार्रवाई के संबंध में स्वयं उपस्थित होकर जवाब देने कहा गया था।आज की सुनवाई में दोनों अधिकारी के उपस्थित नही होने को गंभीरता से लेते हुए आगामी सुनवाई में पुलिस के माध्यम से उपस्थित होकर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।एक अन्य प्रकरण में संबंधित को बुजुर्ग माता के साथ अपनी चार बच्चियों की भरण-पोषण के लिए कहा।पति,पत्नि तथा बच्चो को खर्चे के लिए चौबीस हज़ार प्रतिमाह देने के लिए सहमत हुए।
       इसी तरह आयोग में प्रस्तुत एक अन्य प्रकरण में आयोग के अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने कहा कि किसी संस्था में काम करने वाले कर्मचारी से असमय दुर्घटना घटित हो जाने पर मालिक का नैतिक जवाबदारी है कि उस कर्मचारी के स्वास्थ्य की सम्पूर्ण देखभाल करें।इस प्रकरण में लॉकडाउन के दौरान ट्रांसपोर्ट के गाड़ी चलाने वाले वाहन चालक की दुर्घटना में गंभीर शारीरिक क्षति हुई थी।इस पर वाहन चालक की पत्नी ने आयोग के समक्ष गुहार लगाई की पति के इलाज में उसकी आर्थिक स्थिति बदत्तर हो गयी है।कंपनी के मालिक से इलाज के दौरान हुए खर्चो की राशि दिलाने की बात कही।इसी तरह एक अन्य प्रकरण में पति से अलग रह रही दो बच्चों की माँ ने बच्चों के भरण-पोषण के लिए राशि की मांग की।ज्ञात हो कि इसके पूर्व में आयोग द्वारा पत्नि को प्रतिमाह दस हज़ार रुपए देने का आदेश दिया था।शासकीय सेवारत पति द्वारा पत्नी को राशि नही देने पर गंभीर नाराजगी ब्यक्त की।अध्यक्ष ने इस बात को गंभीरता से लेते हुए पति के विभाग को कार्यवाही करने हेतु  प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा।अध्यक्ष ने पति-पत्नि को समझाइस देते हुए आगामी सुनवाई तक एक दूसरे को समझौते के लिए तैयार होने कहा।
            छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने आज विभिन्न जिलों की महिलाओ द्वारा दिए गए आवेदनों की आयोग कक्ष में जन सुनवाई की।आज प्रस्तुत प्रकरण में शारीरिक शोषण,मानसिक प्रताड़ना,दहेज प्रताड़ना, सम्पत्ति विवाद आदि से संबंधित थे।सुनवाई के दौरान सोसल डिस्टेंसिंग व फिजीकल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाईजर का प्रयोग करते हुए कार्यवाही प्रारंभ की गई।

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