रूप का नहीं स्वरूप का महत्व - आचार्य महाश्रमण

 ब्यूरो रिपोर्ट राजेश प्रसाद

 रूप का नहीं स्वरूप का महत्व - आचार्य महाश्रमण

 पूज्यवर ने दी ईर्ष्या को तजने की प्रेरणा

 आराध्य के स्वागत में श्रद्धामय प्रस्तुतियां


23 जनवरी 2021, 

छत्तीसगढ़ जगदलपुर आदमी दुनिया में सुखी कैसे बन सकता है? सुखी कैसे रह सकता है? इस प्रश्न का समाधान है की अपने आप को तपाकर सुकुमारता को छोड़ो। जो व्यक्ति थोड़ी सी भी कठिनाई नहीं झेल सकता वह थोड़े में दुखी हो जाता है। और जो खुद को तपा लेता है भले कोई शारीरिक छोटी-मोटी कठिनाई हो या कोई वैचारिक उलझन हो ऐसी स्थितियों को झेलने का सामर्थ्य रखता है वह सुखी बन सकता है। हमारा रास्ता अच्छा होना चाहिए। चाहे कोई निंदा करें या स्तवना करें, चाहे धनलक्ष्मी आए या चली जाए या चाहे मौत की स्थिति ही क्यों ना हो जाए जो धीर मनुष्य होते हैं वह कभी विचलित नहीं होते। उपरोक्त उदगार अहिंसा के प्रणेता आचार्य श्री महाश्रमण जी ने धर्म सभा के दौरान व्यक्त किए।

आचार्य श्री का आज जगदलपुर प्रवास का द्वितीय दिवस। इतने वर्षों में पहली बार तेरापंथ के आचार्य का जगदलपुर में ससंघ पदार्पण पर संपूर्ण जैन समाज में एक विशेष उत्साह का माहौल है। अन्य समुदायों से भी बड़ी संख्या में लोग शांतिदूत के दर्शन कर आशीर्वाद ग्रहण करने पहुंच रहे हैं। प्राकृतिक दृष्टि से हरा-भरा यह बस्तर मानो अभी धार्मिक दृष्टि से भी सुवासित हो रहा है। गुरुदेव के सान्निध्य में आज तेरापंथ दर्शन कार्यशाला एवं शनिवार सायं 7:00 से 8:00 सामायिक भी समायोजित है। 

मंगल देशना देते हुए आचार्य श्री ने आगे कहा कि जो व्यक्ति कठिनाइयों से डर कर कार्य शुरू ही नहीं करता वह निम्न श्रेणी का होता है। कार्य शुरू कर दें और फिर डरकर जो उसे छोड़ दे वह मध्यम श्रेणी का और जो व्यक्ति कठिनाइयों में भी निष्ठा से कार्य करता है छोड़ता नहीं है और लक्ष्य तक पहुंचाता है वह उत्तम श्रेणी का होता है। कठिनाइयों को झेलेंगे तो जीवन में परिपक्वता, मजबूती आ पाएगी। सुविधावादी वृत्ति नहीं होनी चाहिए। कामनाओं का त्याग करो दुख भी खत्म हो जाएगा। जितनी ज्यादा अवांछनीय कामना उतना ज्यादा दुख। एक कामना पूरी होते ही नई कामना उत्पन्न हो जाती है। व्यक्ति के भीतर ईर्ष्या की भावना नहीं होनी चाहिए। दो वाक्य हमेशा याद रहे- दूसरे को सुखी देखकर हमको दुखी नहीं बनना चाहिए और दूसरे को दुखी देखकर हमको सुखी नहीं बनना चाहिए। किसी के प्रति ईर्ष्या की भावना ना हो, प्रमोद भावना रहे। किसी की उन्नति देखकर हम क्यों दुखी बने। व्यक्ति दूसरों की विशेषताओं को ग्रहण करने का प्रयास करें। रूप का मूल्य थोड़ा और स्वरूप का मूल्य ज्यादा होता है। हमारी प्रकृति कैसी है, हमारे गुण कैसे हैं उसका महत्व है। जीवन में उपयोगिता का विकास हो यह जरूरी है।

तत्पश्चात जगदलपुर के सभी तेरापंथी परिवारों को आचार्य वर ने सम्यक्त्व दीक्षा प्रदान की।

आचार्य वर के उद्बोधन से पूर्व मुख्यमुनि महावीर कुमार जी ने वक्तव्य में कहा- अहिंसा यात्रा का जगदलपुर में प्रवेश हुआ तो हर जाति, वर्ग का व्यक्ति आचार्य वर का स्वागत कर रहा था। गुरुवर का मुखारविंद प्रसन्नता का घर है। अनुकूल-प्रतिकूल दोनों स्थितियों में आचार्यवर समत्व भाव से प्रसन्नता में रहते हैं। आचार्य श्री का हृदय करुणा से युक्त है और आचार्य जी वाणी अमृत के समान है। ऐसे परोपकारी गुरु का यहां पदार्पण हुआ। शांतिदूत विषम मार्ग लेकर परोपकार करने के लिए यहां बस्तर में पधारे हैं। मुख्यनियोजिका साध्वी विश्रुतविभा जी ने कहा- आचार्य श्री महाश्रमण पहले आचार्य है जो इस क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। तेरापंथ धर्मसंघ के इतिहास में एक नवीन पृष्ठ जुड़ गया है। जगदलपुर आए और यहां देखा कि धर्म की कितनी प्रभावना हो रही है। जगदलपुरवासी सौभाग्यशाली है जो ऐसे जन-जन को आलोकित करने वाले महासूर्य स्वयं यहां पधारे हैं। साध्वीवर्या संबुद्धयशा जी ने कहा कि जगदलपुरवासी धन्य है जो ऐसे महान साधक महापुरुष का यहाँ आगमन हुआ है। यहाँ पर छत्तीस ही कौम में इतने उत्साह और सम्मान की भावना देख कर बहुत अच्छा लगा। ऐसे साधक महातपस्वी के चरणों में हर व्यक्ति नम जाता है। गुरुदेव की साधना में ऊंचाई और आचरण में गहराई है। दिल्ली से शुरू हुई इस यात्रा में कितने- कितने राज्यों का स्पर्श करते हुए यहां जगदलपुर में आना हुआ है। सभी आचार्य श्री की सेवा-उपासना से अपने जीवन को धन्य बनाने का प्रयास करे।

सभा में मुनि जिनेश कुमार जी ने भी वक्तव्य दिया। मंच संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया। आचार्य श्री का कल का संभावित प्रवास संस्कार गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल, चिदैपदर में रहेगा

Comments

Popular posts from this blog

तस्करी करने वाली चार महिलाओ पर बस्तर पुलिस की बड़ी कार्यवाही

जेवरातो का ठगी करने वाले फरार आरोपी को बस्तर पुलिस ने धर दबोचा भगवान दर्शन कराने के नाम पर सोने के आभुषण लेकर फरार हुए थे सभी

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बस्तर सांसद महेश कश्यप मिले लालबाग ( आमागुड़ा ) चौक में फ्लाई ओवर बनाने की मांग बस्तर सांसद ने केंद्रीय मंत्री से की