केशकाल।राज्य सभा सांसद फूलों देवी नेताम ने भी स्कूली बच्चों को गुणवत्ता विहिन सूखा राशन वितरंण पर दुख अफसोस जाहिर करते हुए कहा है कि मैं दिखलाती हूं व्यवस्था में गड़बड़ी कंहा हुई है।
ब्यूरो रिपोर्ट राजेश प्रसाद
केशकाल बडेराजपुर ब्लाक में स्कूली बच्चों को सूखा राशन वितरंण करने के नाम पर हुए धांधली को लेकर गांव गांव से बच्चों के माता पिता के सांथ महिला समूहों से जुड़ी महिलाओं पंचायत पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों ने आवाज उठाना आरंभ कर दिया है। सबसे पहले गांव के गरीब बच्चों के भविष्य से और गांव के गरीब महिलाओं के हक एवं हित से जुड़े इस संवेदनशील गंभीर मुद्दे को सोशल मिडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में उठाया गया । जिसके बाद वितरीत किए जा रहे राशन के स्तर को देखकर लोगों के आवाज उठाने का सिलसिला शुरू हो गया। गत 17नवंबर को जनपद पंचायत केशकाल के अध्यक्ष महेंद्र नेताम जनपद उपाध्यक्ष गिरधारी सिन्हा जनपद सदस्य -सतीश नाग केशकाल ब्लाक के कुछ संकुलों में भ्रमंण करके सूखा अनाज का अवलोकन किया और उसके सांथ शिक्षकों महिला समूह की महिलाओं एवं बच्चों के माता पिता से चर्चा करके सूखा राशन के बारे में उनकी राय लिया ।खास तौर पर संकुल संकुल जाकर सूखा राशन को देखने के सांथ जो प्रतिक्रिया सूनने को मिला उसके बाद बगैर विलंब किये तुरंत जिला मुख्यालय पंहुचे और कलेक्टर से मिलकर सूखा राशन के हालत के बारे में तथा उसको लेकर सूनने को मिली प्रतिक्रिया के बारे में अवगत कराते गुणवत्ता विहिन राशन के गुणवत्ता एवं मात्रा का परीक्षंण किए बगैर बच्चों को वितरित न किये जाने एवं ठेकेदार के भुगतान पर रोक लगाने का अनुरोध करते लिखीत में पत्र भी दिया गया।बताया जाता है कि कलेक्टर ने जांच दल गठित कर जांच कराने का आश्वासन जनपद पदाधिकारियों को दिया गया।स्थानिय जनप्रतिनिधियों का कहना है कि सूखा राशन वितरंण और उसका भुगतान करने में संबंधित अधिकारियों ने दिये गये दिशा निर्देश को दरकिनार रखते जरूरत से ज्यादा स्फूर्ति दिखाया गया जो उनकी संलिप्तता को प्रमाणिंत कर देता है। लोक शिक्षंण संचनालय द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश के विपरीत गुणवत्ता विहिन खाद्यान्न एकमुश्त संकुलों में उतरवाना आरंभ ही किया था और सभी संकुलों में सूखा राशन पंहुच भी नहीं पाया था और उसको लाभान्वित करने बिल बनाकर ट्रेजरी में पास कराने की प्रक्रिया भी पूर्ण कर लिया गया। ट्रेजरी में भी दीपावली त्यौहार के चलते बढ़े हुए काम के दबाव के बावजूद सूखा राशन का बील पास कर दिया गया। सूखा राशन वितरंण व्यवस्था को क्रियान्वित करने में भागीदार मेकाफ , कृषि एवं बीज विकास और ठेकेदार के सांथ संबंधित अधिकारी कर्मचारी ने जिस तरह से अपनी अपनी भूमिका अदा किया वह गौर करने काबिल रहा । सभी के समन्वित सहभागिता से सूखा राशन के नाम पर जिस तरह का गुणवत्ता विहिन दाल तेल नमक आचार एवं सोया बडी बांटा गया है उससे छत्तीसगढ़ सरकार के कुपोषंण मुक्त छत्तीसगढ़ के सांथ महिला सशक्तिकरण के संकल्प को गहरा आघात् पंहुचा है।एक तरफ इस विवादास्पद योजना से सरकार की किरकिरी हो रही है वहीं दूसरी तरफ सत्तारूढ़ दल के विधायक एवं उनके खास सिपहसलारों पर भी उंगली उठने लगी है । कमीशनखोरी के खेल के चलते आरंभ हुई सूखा राशन योजना को लेकर भविष्य में विपक्षी पार्टी भी कांग्रेस पार्टी और उसकी सरकार को घेर सकती है।
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