सर्व आदिवासी समाज ने थाना के सामने दिया धरना

Bureau report Rajesh Prasad


सर्व आदिवासी समाज ने थाना के सामने दिया धरना



केशकाल-  थानेदार एवं दो सहायक उपनिरीक्षक को सेवा से पृथक करते उन पर आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग को लेकर सर्व आदिवासी समाज का धरना प्रदर्शन आंदोलन 10सूत्रीय मांग पत्र एवं 3 दिन का अल्टीमेटम देकर शाम को स्थगित किया गया। उल्लेखनीय है कि शनिवार को सर्व आदिवासी समाज के अगुवाई में बिश्रामपुरी में ईकट्ठा होकर रैली निकाल पुलिस थाना के सामने पहुंचकर धरना प्रदर्शन करते चक्का जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों को पुलिस अधिकारी एवं तहसीलदार मनाते रहे पर शाम तक धरना प्रदर्शन पूरे जोशो खरोश से चलता रहा। सूर्यास्त होने पर दस सूत्रीय मांग पत्र सौंपकर और तीन दिन के भीतर मांग पूरा न होने पर फिर से धरना प्रदर्शन आंदोलन करने की चेतावनी देकर अपना धरना प्रदर्शन स्थगित किया। दरअसल समाज के लोगो ने थानेदार भापेंद कुमार व दो अन्य सहायक उपनिरीक्षक पर ग्राम मछली निवासी एक सेवानिवृत्त शिक्षक के साथ बिना वारंट के देर शाम उनके घर मे घुसकर अपशब्दों का उपयोग करते हुए थाना ले जाकर उनसे एक लाख रुपये धमकी देते हुए ऐंठ लेने का आरोप लगा था। जिसकी जानकारी समाज प्रमुखों  को मिलने पर क्षुब्ध होकर दो दिन पहले ही कलेक्टर एवं एस पी

 


के नाम तहसीलदार को ज्ञापन दिया था और मांग किया था कि आरोपी पुलिस अधिकारियों को 48 घटे के भीतर बर्खास्त  करके उन पर ऐक्ट्रो सिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाये अन्यथा धरना देकर चक्का जाम किया जावेगा। प्रदत्त ज्ञापन में यह भी उल्लेखित किया गया था कि, यदि उनपर कोई कार्यवाही निर्धारित समय और नही की जाती है तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।पूर्व प्रदत्त चेतावनी अनुसार शनिवार को गांव गांव से आदिवासी समाज के लोग बिश्रामपुरी के सामाजिक स्थल पर ईकट्ठा होने लगे। अच्छी बड़ी संख्या में ईकट्ठा होने के बाद जुलूस निकालकर बस स्टैण्ड तक भ्रमंण कर पुलिस थाना के सामने पंहुच सड़क पर सब बैठ गये। बड़ी संख्या में सड़क पर लोगों के बैठ जाने से आवागमन स्वतः बंद हो गया। स्थिति पर सतत् निगरानी करते किसी अनहोनी से बचने बचाने पुलिस अधिकारी दल बल सहित सतर्क बने रहे और प्रदर्शन कारियों से हांथ जोड़ बड़ी विनम्रता से समझा बुझाकर शांत कर धरना प्रदर्शन समाप्त कराने की कोशिश में जुटे रहे । सर्व आदिवासी समाज के लोग समाज के सम्माननीय सेवानिवृत्त शिक्षक से गाली गलौच कर  पैसा ऐंठने पर अपना रोष जाहिर करते दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराने पर अडे रहे। मान-मनौव्वल का दौर चलता रहा पर अंत तक कोई सुलह समझौता नहीं हो पाया और समाज के लोग दस सूत्रीय मांग सौंपकर तीन दिवस पर मांग पूरा न होने फिर से उग्र आन्दोलन करने की चेतावनी देकर अपना आंदोलन स्थगित किया। धरना प्रदर्शन आंदोलन को देखते हुए और सर्व आदिवासी समाज के अपील पर बिश्रामपुरी के सभी दूकानदारों दोपहर सेशाम तक अपनी दूकानों को बंद रखकर अपना मौन समर्थन दिया।

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