बिश्रामपुरी क्षेत्र में वो कौन शख्स हैं जिससे तूती सरकारी कर्मचारी अधिकारी- पंच सरपंच ही नहीं पुलिस वालों पर भी बोलती है।

 Bureau report Rajesh Prasad

बिश्रामपुरी क्षेत्र में  वो कौन शख्स हैं जिससे तूती सरकारी कर्मचारी अधिकारी- पंच सरपंच ही नहीं पुलिस वालों पर भी बोलती है। 


 पूर्व विधायक कृष्ण कुमार ध्रुव केशकाल

जिसके मर्जी के खिलाफ चूं बोलने में सब खौफ खाते हैं।वो जो करें सब माफ ।                            क्षेत्र में यह जनचर्चा है कि वह ग्राम पंचायतों के पंच -सरपंच के अधिकार का खुद उपयोग करते हुए वंहा का काम अपनी मर्जी अनुसार कराता है और पंचायत वाले उसके मांग अनुसार अपना गला फंसाते हुए फर्जी दस्तावेज तैयार करके उसके हाथों में पैसा थमाते हैं। सब इंजीनियर भी उसको खुश रखने में ही अपनी खैरियत समझकर जैसा वो चाहता है वैसा वो मूल्यांकन करने को लाचार हैं।                     आदिवासी बाहुल्य बड़ेराजपुर ब्लाक में आदिवासी पंचायत पदाधिकारियों-सचिवो एवं सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों पर रौब गालिब करके अपनी राजनीतिक ठेकेदारी की दूकान चलाने वाले इस तुर्रम खां का बिश्रामपुरी में यथार्थ कंही कोई दूकान नहीं है पर जनपद कार्यालय से अपने कागजी दूकान के नाम लाखों लाखों रूपया का बिल भुगतान भी अर्जित करते आ रहा है।
मनरेगा में फर्जी वेन्डर बनकर खुद का दुकान बताकर जीएसटी नंबर लिया।फिर पंचायतों के सरपंच सचिवों से अपना रौब झाड़कर लाखों का फर्जी बिल डालकर राशि आहरण कर रहा है। एक नहीं दो नहीं कई बाउ ऐसा किया गया है।

 पंचायत जनपद पंचायत आर ई एस पी डब्लू डी जैसे जगह ही नहीं पुलिस थाना में इसका दबदबा कायम है।इस बात का सबूत देखने को मिल सकता है उसके द्वारा पुलिस थाना बिश्रामपुरी और बांसकोट में कराये गये मरम्मत कार्य का और उसके नाम पर निकाले गये भुगतान को देखकर। जानकारों का कहना है कि महज कुछ हजार का कराकर लाखों रूपया निकाल लिया और उपर से पुलिस वालों को इस एहसान से लाद दिया कि वो तो मैं था कि अपने बलबूते पैसा सरलीकृत कराकर लाकर यह काम करवा दिया नहीं तो यह भी नहीं होता। अपनी पंहुच प्रभाव का रौब गांठकर पुलिस वालों पर अपना दबदबा कायम करके वह पुलिस वालों को भी यह बल देने का काम किया करता था कि तूम चिंता मत करो मैं हूं न। जिसके चलते पुलिस वालों ने भी उगाही का ऐसा सिलसिला शुरू कर दिया कि वह सब्र से बाहर हो गया। जिसका यह परिणाम हुआ कि पहली बार सर्व आदिवासी समाज कोे पुलिसिया अत्याचार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन आंदोलन करने सड़क पर उतरना पड गया।सर्व आदिवासी समाज भी अब अपने बीच उन चेहरों को जानने पहचानने में लगा हुआ है जो उनके सेवा के नाम पर मेवा खाते उनके ही हित पर आघात पंहुचा रहे हैं इसके सांथ वो यह भी जान समझ रहे हैं कि आखिर वो किनके बल एवं संरक्षण पर बाहुबलि बना हुआ है।
                         कृष्ण कुमार ध्रुव
                 पूर्व विधायक केशकाल

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