मेहनत कश लैईखन एवं शेखर की सपनों को कोरोना ले डुबा दोनो युवक मिलकर खेत में सब्जी बगीचा से प्राप्त सब्जी कोरोना की चलते खेत में ही बर्बाद की नौबत
मेहनत कश लैईखन एवं शेखर की सपनों को कोरोना ले डुबा
दोनो युवक मिलकर खेत में सब्जी बगीचा से प्राप्त सब्जी कोरोना की चलते खेत में ही बर्बाद की नौबत
हिंदुस्तान समाचार केसकाल मेहनत करने वालों को ईश्वर भी साथ देता है यही सपना सवारे दो आदिवासी युवक ने मिलकर 3 एकड़ खेत भूमि में बोर खनन के साथ हरी-भरी सब्जी उगाने का निर्णय के साथ 3 एकड़ खेत भूमि में घरेलू उपयोग होने वाले विभिन्न प्रजातियो कि सब्जी बीज डालकर रोज उस बगीचा में दो परिवार के परिजनों में 5-6 संख्या मे महिला
एवं बच्चों के साथ खेत में लगाई विभिन्न प्रजातियां का सब्जी फसल में अपना खून पसीने एक करके मेहनत किया है मेहनत का फल भी ईश्वर ने देने के लिए 3 एकड़ खेत भूमि में विभिन्न प्रजातियो का हरी सब्जी भी फसल लगने लगा फसल को देखकर गरीब परिवार के चेहरे में खुशी छा गई लेकिन इनकी मेहनत से खेत में लगे फसल सब्जी जब बाजार में बिक्री करने का समय आया तो इन गरीबों के सुनहरे सपनों पर कोरोना का काली छाया पडने के साथ लॉक डाउन भी लग गए 5-6 संख्या में दो परिवार की हंसी खुशी सुनहरे सपनों पर उनके चेहरे पर भी मायूसी साफ दिखाई देने लगी है यह केवल मात्र कहानी नहीं है बल्कि सच्चा जीता जागता प्रमाण है हमारे प्रतिनिधि इनके खेत में लगे सब्जियों की फसल को देखने पहुंचने पर कोरोना व लाक डाउन के चलते खेत में लगे विभिन्न प्रजातियो कि सब्जी खेत में बर्बाद होने की बात सामने आई है यह नजारा देखने को मिला है कि विकासखंड केशकाल मुख्यालय से करीब 3 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत गौरगांव के किनारे लगी सब्जी खेत का नजारा है यह परिवार जन अपने सुनहरे सपने सवारे उज्जवल भविष्य की चिंता व अपने परिवार जनों की सपनों का सफल बनाने के लिए दो यूवक लैईखन सोरी एवं शेखर शोरी दोनों मिलकर वर्ष 2021 मे गोरगांव के शेखर सोरी का 3 एकड़ खेत में विभिन्न प्रकार के सब्जियां को फसल लगाया गया है जिसमें कई सब्जी कोरोना की मार से बाजार बंद के चलते बर्बाद होने का दुखद नजारा देखने को मिला है गरीब युवक लैईखन सोरी एवं शेखर सोरी ने अपने दुखद जानकारी बताते बताया है कि हमारे दोनों परिवारजनों द्वारा मिलकर 3 एकड़ खेत भूमि में सब्जियों का बगीचा में दिन रात मेहनत कर फसल को लगाया है फ़सल निकलने लगा तो कोरोना व लाक डांउन ने हमारे सपना को पूरा तोड दिया है साथ ही दोनों परिवार के बच्चों का भरण पोषण करने के लिए रोटी का भी गंभीर समस्या उत्पन्न हुआ है कोरोना तथा लाक डांउन व केसकाल बाजार तथा मार्केट पूरा बन्द होने पर पूरा फसल खेत में बर्बाद होने की जानकारी दी है दोनों युवकों ने आगे जानकारी में बताया कि शादी व अन्य कार्यक्रम में जरुरत मंद लोगों द्वारा सब्जियों को उनके परिवारजन खेत में पहुंचकर ले जाने की बात कही है तथा इधर उधर से कर्ज लेकर हम लोग 3 एकड़ खेत में सब्जी लगाए हैं लेकिन मार्केट बंद है तो सब्जियों को कहां बिक्री करेंगे और उधार वालों का कर्ज कैसे अदा करेंगे !
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