बीजापुर सुकमा के सिलगेर नरसंहार को लेकर सर्व आदिवासी समाज विश्रामपुरी ने विधायक एवं फरसगांव इकाई ने संसद राज्यसभा फूलोदवी नेताम को ज्ञापन सौंपा
बीजापुर सुकमा के सिलगेर नरसंहार को लेकर सर्व आदिवासी समाज विश्रामपुरी वं केशकाल ने विधायक एवं फरसगांव इकाई ने संसद राज्यसभा फूलोदवी नेताम को ज्ञापन सौंपा
हिंदुस्तान समाचार जगदलपुर केशकाल। बीजापुर एवं सुकमा जिले के सिलगेर नरसंहार मामला को लेकर सर्व आदिवासी समाज की विश्रामपुरी व केशकाल इकाई अध्यक्ष सोनसाय मरकाम व सचिव लक्ष्मण मरकाम के एक प्रतिनिधि मंडल द्वारा दिनांक 31 मई 2021 को संतराम नेताम क्षेत्रीय विधायक केशकाल कार्यालय निवास पहॅुचकर क्षेत्रीय विधायक केशकाल कार्यालय निवास पहॅुचकर उपरोक्त मामले पर
ज्ञापन विधायक के नाम से विधायक के निज सचिव अमरनाथ राणा को सौंपा गया है। सौपा गया ज्ञापन में समाज द्वारा उपरोक्त घटना पर निंदा व्यक्त करते हुये राज्य शासन से जांच कार्यवाही की मांग किया गया है। ज्ञात हो कि ज्ञापन में के अनुसार समाचार पत्रों के माध्यम से व बीजापुर जिले के सीमावर्ती ग्राम सिलगेर में 17 मई 2021 को आसपास के ग्रामीण पुलिस कैम्प के विरोध में जमा होकर विरोध कर रहे थे. कैम्प नहीं खोलने के लिए ग्रामीणों ने प्रस्ताव पारित कर जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को दिया गया था. ग्रामीणों का विरोध करने के बावजूद जबरन पुलिस कैम्प खुलने से ग्रामीणों ने 17 मई 2021 को विरोध कर रहे थे. जिस पर पुलिस के द्वारा आंसू गैस, लाठी चार्ज भीड़ को बन्दुक से गोली चलाया जिसमें तीन निर्दोष आदिवासी की मौके पर ही मृत्यु हो गई और 18 से अधिक ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हुए हैं. सूचना के अनुसार गंभीर रूप से घायल हुई एक गर्भवती महिला की मृत्यु 23 मई 2021 को हुई है जो की निंदनीय है . पुलिस फायरिंग के दौरान जो मारे गए तीन ग्रामीण सिलेगर के नहीं बल्कि सिलगेर गांव से लगे हुए पड़ोस के गांव से है उनके नाम राशन कार्ड में नाम दर्ज है और पिछले महीने भी राशन निकाला गया था जो रिकार्ड में दर्ज है । जबकि पुलिस प्रशासन के व्दारा नरसंहार की लिपापोती करने नक्सली होना बताया गया है। आदिवासी समाज का जांच दल सिलगेर पहूंचा तो वहां पर ग्रामीण बहुत ज्यादा आक्रोश में हैं भविष्य में बड़ी घटना की संभावना बनी हुई है। कैम्प को चारों तरफ से ग्रामीणों के द्वारा घेर कर लगातार प्रर्दशन कर रहे है । दोनों के बीच में तनाव की स्थिति लगातार बनी हुई है, शासन प्रशासन समय रहते नाजुक घड़ी में कोई पहल करने में चूक करती है तो बड़ी घटना होने की आशंका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कोरोना महामारी के समय इस प्रकार की भीड़ को भी नजरंदाज नहीं किया जाना चाहिए। चूँकि बस्तर संभाग पुर्णतः पांचवी अनुसूची क्षेत्र है, जहाँ पर बिना ग्राम सभा के सहमति के बैगैर न तो जमीन अधिग्रहण किया जा सकता, न ही किसी भी प्रकार के कैम्प खोला जा सकता है। विश्रामपुरी से आये समाज प्रमुख सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उपरोक्त विषयों पर हमारे फरसंगाव ब्लाॅक इकाई द्वारा श्रीमती फूलोदेवी नेताम सांसद राज्य सभा के निवास फरसगांव में जाकर समाज के तरफ से ज्ञापन सौंपा गया है।
Comments
Post a Comment