बीजापुर व सुकमा जिले के नरसंहार को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने दी घर-घर में एक दिवसीय वर्चुअल धरना
बीजापुर व सुकमा जिले के नरसंहार को लेकर सर्व आदिवासी समाज ने दी घर-घर में एक दिवसीय वर्चुअल धरना
हिंदुस्तान समाचार जगदलपुर विश्रामपुरी/केशकाल। बीजापुर एवं सुकमा जिले में आदिवासियों पर जुर्म के खिलाफ में सर्व आदिवासी समाज के विभिन्न प्रभाग द्वारा जिले में के विकास खण्ड एवं गांव गांव घर-घर में दिनांक 28 मई 2021 को दी एक दिवसीय वर्चुअल धरना 28 मई 2021 धरना करने की जानकारी सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभाग के जिला इकाई अध्यक्ष जगत मरकाम व विश्रामपुरी सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष सोनसाय मरकाम एवं सचिव लक्ष्मण मरकाम द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार
जानकारी दी है, इनके जानकारी के तहत सर्व आदिवासी समाज ब्लॉक बडेराजपुर के युवा प्रभाग, सामान्य प्रकोष्ठ ,कर्मचारी प्रकोष्ठ , ग्रामीण किसान के द्वारा सुकमा और बीजापुर जिले के सरहद सिल गेर मे पुलिस कैंप खोलने का विरोध
कर रहे ग्रामीणों पर गोलीबारी करने के विरोध में एक दिवशी वर्चुअल धरना प्रदर्शन भूख हड़ताल अनशन किए। 17 मई 2021 को सुकमा और बीजापुर जिले के सरहद में पुलिस कैंप खोले जाने का विरोध कर रहे ग्रामीणों पर
अचानक गोली चलाने आंसू गैस छोड़े गए तथा मारपीट भी किया गया जिसमें 3 आदिवासियों की मौत हो गई जबकि 50 से अधिक ग्रामीण घायल हो गए एवं मारे गए घायल हुए लोगों को पुलिस द्वारा ग्रामीण आदिवासियों को माओवादी बताया गया और ग्रामीणों के विरोध को भी माओवादी प्रायोजित बताया गया यह पहली बार नहीं है कि बस्तर संभाग में नक्सली उन्मूलन के नाम पर निर्दोष मासूम आदिवासियों को परेशान ना किया जय । बार-बार ऐसी घटना देखने को मिलता है इस घटना का छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए और इसके विरोध में एक दिवसीय वर्चुअल विरोध प्रदर्शन दिनांक दिनांक 28 मई 2021 दिन शुक्रवार को सर्व आदिवासी समाज विकासखंड बड़ेराजपुर ब्लाक के सभी गांवों में अपने घरों रह कर एक दिवसीय वर्चुअल धरना प्रदर्शन किए जिसमे नीचे दिये स्लोगन नारा को लिखकर फेसबुक, ट्विटर या जितने भी सोशल मीडिया हैं उस पर पोस्ट किया गया । 1. सिलेगर में आदिवासियों का नरसंहार,पीएम, सीएम दोनों गुनाहगार । 2. पेसा और पांचवी अनुसूची को कुचलकर, भूपेश कराये नरसंहार । 3. न नक्सली, न फोर्स चाहिए, शिक्षित, शांत बस्तर चाहिए। 4. हमें हिंसा नहीं, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा दो । 5. बस्तर में बंदूक की आवाज से मुक्ति चाहिए, शांत, सुरक्षित प्रकृति चाहिए। 6. का होईस शांति, सुरक्षा के वादा भूपेश, अतिक जल्दी भूल गेस। 7. हमें नहीं चाहिए ऐसी सरकार जो पेसा कानून और पांचवी अनुसूची का उल्लंघन कर निर्दोष लोगों पर नरसंहार करवाये । 8. बंदूक नहीं कलम चाहिए, बस्तर में अमन चाहिए। 9. पांचवी अनुसूची, पेसा कानून का क्रियान्वयन कराओ, नक्सली समस्या को जड़ से मिटाओ । 10. मानव समुदाय बचेगा तब, पृथ्वी में आदिवासी बचेगा जब पूरे विश्व में आदिवासियों का नरसंहार करवाना बंद करो, बंद करो ।11. आदिवासी हैं प्रकृति के पुजारी, इस प्रकृति के रक्षकों का नरसंहार करवाना बंद करो, बंद करो । 12. नहीं चाहिए गोला, बारूद, बम की आवाज, अब तो सुनो बस्तर की आवाज। 13. नक्सली बस्तर छोड़ो, फोर्स बस्तर छोड़ो। 14. विनती नक्सली और सरकार से। वंचित मत करो हमें मौलिक अधिकार से। युवा प्रभाग के जिला इकाई अध्यक्ष जगत मरकाम व विश्रामपुरी सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष सोनसाय मरकाम एवं सचिव लक्ष्मण मरकाम द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार जानकारी दी है,
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