केशकाल । राजस्व अभिलेख में मृत घोषित की जा चुकी महिला आज खुद तहसील आफिस पहुंचकर तहसीलदार को अपनी आपबीती बताई।
हिंदुस्तान समाचार जगदलपुर तहसीलदार आशुतोष शर्मा ने महिला को दिलाशा दिया की कोर्ट के आदेश का पालन करवाया जायेगा और आपको एवं अन्य हकदारों को वाजिब हक मिल जायेगा। उल्लेखनीय है कि जीते जी मृत दर्शाकर अपनी मां से मिली जमीन के हक से वंचित हुई महिला और उसके पुत्र लम्बे जद्दोजेहद के बाद कोर्ट से केश जीत जाने के बाद भी अपने हक से वंचित रहकर फरियाद करते फिरने को अभी भी लाचार हैं। 2अगस्त को केशकाल तहसील के ग्राम हरवेल का राजेश्वर कुंजाम केशकाल तहसील पहुंचकर तहसीलदार को एक लिखीत आवेदन देकर अर्ज किया था कि साहब मेरी मां रिसोबाई आज भी जिंदा है जिसे मृत बताकर 2010में ही उसका फौती काटकर हक से वंचित कर दिया गया था।जिसके विरूद्ध अनुविभागीय अधिकारी राजस्व केशकाल के कोर्ट में अपील किया गया था, जिस पर 31मार्च 2021को हम सबके पक्ष में फैसला भी आ गया फिर भी फैसले का पालन न किए जाने से मेरी मां और हम लोग अपने हक से वंचित ही रह गये हैं।राजेश्वर ने हांथ जोड़कर तहसीलदार से पारित आदेश का पालन करवाने का प्रार्थना किया था ।जिस पर तहसीलदार आशुतोष शर्मा ने बहुत गंभीरता से गौर कर कार्रवाई आरंभ किया और हल्का पटवारी को गांव जाकर वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर और मामले से संबद्ध लोगों का कथन बयान लेकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। जिसके बाद पटवारी ने पटवारी प्रतिवेदन तैयार कर तहसीलदार के कार्यालय में प्रतिवेदन पेश किया है जिस पर अग्रिम कार्रवाई जारी है।
क्या है मामला- अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के पारित आदेश का अवलोकन करने से यह पता चलता है कि रिसोबाई पति-स्व.जगतराम कुंजाम एवं उसके पुत्र राजेश कुंजाम,राजेश्वर,कुछ.अजिता,साजन ने न्यायालय में अपील किया जिस पर रा.प्र.क्र.अ-6/2020-21 पंजीबद्ध किया गया। अपीलार्थी गंण दर्शाया यह अपील किया गया कि पटवारी हल्का नं.12तहसील केशकाल स्थित भूमि खसरा नं.66रकबा 0.24एकड पर अपीलार्थी क्र.1को फौती बताकर नामान्तरंण पंजी में पारित आदेश दिनांक ज्ञ11-12-2010से पीड़ित व क्षुब्ध होकर अपील किया जा रहा है। अपीलार्थी क्र.1रिसोबाई जीवित है तथा उनके 3पुत्र व 1पुत्री है जो अपीलार्थी गंण है ।जीवित रिसोबाई को फौत तथा जीवित सहखातेदारों सबत गंगाबाई की जानकारी बिना नामांतरण कर दिया गया है। थाना में दर्ज कराया गया था रिपोर्ट-- मामले की जानकारी मिलने पर 20दिसंबर2019को केशकाल पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाया गया था परन्तु तत्कालीन थाना प्रभारी दर्शाया पुलिस हस्तक्षेप अयोग्य मानकर धारा 155के तहत न्यायालय के शरंण में जाने का सलाह दे दिया गया था।जीवित महिला को मृत दर्शाकर उसे उसके हक से वंचित कर देना पुलिस के नजरिए से अहस्तक्षेप योग्य माना गया जो गौर करने काबिल है। जीते जी ही मरती जीती खिला दिया गया था मामले में उत्तरवादी की ओर तर्क पेश किया गया था कि रिसोबाई का विवाह स्व.जगत के हांथ हुआ था ,रिसोबाई वर्ष 2007-08में अपने छोटे छोटे बच्चों को छोड़कर अन्य ब्यक्ति से दूसरा विवाह कर लिया था ,दूसरा विवाह करने पर प्रथम पति के परिवार वालों द्वारा समाज में मरती जीती खिलाया गया था जिससे गांव वालों के द्वारा पटवारी अभिलेख में अपीलार्थी रिसोबाई का नाम कटवाया गया था।
मां से मिली भूमि से बेटी को हक से वंचित रखने जीवित को घोषित किया गया मृत*--मृत घोषित कर हक से वंचित किए गये अपीलार्थी की तरफ से तर्क पेश किया गया कि फूलबती नंबरदार थी फूलबती के मृत्यु पश्चात उनकी पुत्री रिसोबाई का नाम दर्ज किया गया था,जिसे उत्तरवादी दर्शाया फौत बताकर उनका नाम राजस्व अभिलेख से कटवाया गया । न्यायालय का फैसला- प्रकरंण में प्रस्तुत दस्तावेजों उभय पक्ष द्वारा पेश लिखित तर्क एवं नामांतरण पंजी का अवलोकन करने के बाद फैसला दिया गया कि वाद भूमि का फौती नामांतरण में भू राजस्व संहिता के नियमों के विपरीत किया गया है जो कि प्रारंभ से शून्य व अकृत है। विश्लेषंण के आधार पर नामांतरण क्र.21/71दिनांक 11-12-2010को निरस्त किया जाता है एवं वाद भूमि के अभिलेख में वारिसान का नाम दर्ज किए जाने आदेशित किया जाता है।
पारित आदेश का नहीं हुआ था परिपालन-न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)द्वारा 31मार्च 2021को पारित किए गये आदेश का पालन न किए जाने से जीते जी मृत घोषित कर हक से वंचित कर दिये गये महिला रिसोबाई एवं उसके पुत्रों को अपने हक के लिए फरियाद करते फिरना पड़ रहा है। उजागर हो चुका है और मामला ---महिलाओं को हक से वंचित करने का अभी हाल में उजागर होने वाला तीसरा मामला है और तीनों मामला पुराना है।इसके पूर्व नगर पंचायत केशकाल के बोरगांव डिहीपारा के कंवली बेवा गुलाब को 2016में नामांतरण करते वक्त हक से वंचित कर देने का और 18अगस्त 2013को मरने वाली मस्जिद पारा निवासी इंताजबाई की दो वर्ष पूर्व ही 2011में 29सितंबर को मृत दर्शाकर फौती काट देने का मामला उजागर हो चुका है।इंताज बाई को कूटरचित फर्जी अभिलेख के माध्यम से मृत दर्शाकर उसके 3 पुत्रियों को हक से वंचित रखकर एक पुत्र को भूस्वामी बना देने का हैरतअंगेज मामला भी राजस्व विभाग के रहनुमाओं की कारगुज़ारी का खुलासा कर चुका है। सरकार की मंशा और नैसर्गिक न्याय के खिलाफ महिलाओं को अपनी जमीन जायदाद से मरहूम रखने हेतु षड्यंत्र करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कब किया जायेगा यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
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