04 जुलाई 2023 को छ. ग. प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का 24 सूत्रीय मांगो को लेकर अनिश्चित कालीन आंदोलन का शंखनाद
04 जुलाई 2023 को छ. ग. प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ का 24 सूत्रीय मांगो को लेकर अनिश्चित कालीन आंदोलन का शंखनाद
हिंदुस्तान समाचार जगदलपुर छ.ग. प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रान्तीय आव्हान पर 04 जुलाई 2023 को 24 सूत्रीय मांगो को लेकर अनिश्चित कालीन आंदोलन का शंखनाद बस्तर जिले में भी किया जावेगा । छ0ग0 प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला शाखा के जिलाध्यक्ष एवं उपप्रान्ताध्यक्ष अजय प्रताप सिंह परिहार ने जानकारी दी कि शासन को स्वास्थ्य विभाग के नियमित एवं संविदा कर्मचारियों की समस्या के निदान हेतु बारम्बार निवेदन / आवेदन करने के पश्चात भी शासन द्वारा कर्मचारी हित में कोई सार्थक पहल नहीं की गई है। जिसके कारण अनिश्चत आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड रहा है ।
उल्लेखनीय है कि बस्तर जिले में चिकित्सक से लेकर पेरामेडिकल स्टाफ के स्वीकृत पद के विरूद्ध कई पद रिक्त हैं इसके बावजूद भी स्वास्थ्य कर्मी पूरी निष्ठा के साथ कार्य कर रहें हैं। जिले के चिकित्सक एवं पेरामेडिकल स्टाफ की कार्यों की वजह से स्वास्थ्य विभाग का कार्य राज्य स्तर पर भी सराहा जाता रहा है । मलेरिया उन्मूलन की दिशा में अच्छे कार्य की वजह से आजकल मलेरिया रोग का फैलाव कम हुआ है। कोविड काल में भी चिकित्सक एवं पेरामेडिकल स्टाफ ने जी जान से काम किया, जिससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी । इतना करने के बावजूद भी शासन स्वास्थ्य कर्मचारियों की जायज मांग को लेकर गंभीर नहीं हैं।
04 जुलाई 2023 के अनिश्चित कालीन हडताल में स्वास्थ्य विभाग के नियमित / अनियमित / संविदा / एन.एच.एम. / डी.एम.एफ.टी. एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी सम्मिलित रहेंगे
छत्तीसगढ़ शासन एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अनुगामी आदेशानुसार संघ के पत्रों का उत्तर देना आवश्यक है
जिसके कारण मेडिकल कालेज / जिला चिकित्सालय / सामुदायिक / प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र में पूरी तहत से काम बंद रहेगा ।
बस्तर जिले में 30 जून 2023 को मेडिकल कालेज में डी०एम०एफ०टी० फंड से कार्यरत 70 कर्मचारियों को प्रबंधन द्वारा सेवा से पृथक किया गया है जानकारी है कि आगामी दिनों में जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डी०एम०एफ०टी० फंड से कार्यरत कर्मचारियों को कार्य से निकालने की कार्यवाही की जाने वाली है। यह कार्यवाही बस्तर जिले के आदिवासी कर्मचारियों के साथ अन्याय है ये कर्मचारी कोविड काल में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर अल्प वेतन में कार्य कर रहे हैं । इन्हें अचानक कार्य से पृथक करने पर इनके परिवार पर भारी कठिनाईयों का सामना करना पडेगा । छ०ग० प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला शाखा अध्यक्ष / उपप्रान्ताध्यक्ष अजय प्रताप सिंह परिहार ने बताया कि डी०एम०एफ०टी० कर्मचारियों को यदि पुनः शासकीय सेवा में नहीं लिया गया तो आगामी दिनों में डी०एम०एफ०टी० कर्मचारियों के साथ संगठन उग्र आंदोलन करेगा। संघ ने बस्तर जिले के जनहित में कार्य करने वाले माननीय सांसद एवं विधायक महोदय से अपील करते हैं कि छोटे वर्ग के इन आदिवासी कर्मचारियों के पक्ष में सामने आयें एवं प्रबंधन के तुगलकी आदेश को वापस लेने हेतू इस पर संज्ञान लेते हुए उनके हित में निष्कासित कर्मचारियों को पुनः सेवा में बहाल करने हेतु प्रबंधन को निर्देश देने का कष्ट करें। जिससे कि स्वास्थ्य विभाग का कार्य जनहित में सूचारू रूप से चलता रहे ।
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